पेइचिंग। चीन के वैज्ञानिकों ने अल्जाइमर जैसे कई रोगों के अध्ययन के लिए जीन में बदलाव कर पांच बंदरों का क्लोन तैयार किया है जन्म दिया है और दावा किया है कि इससे मेडिकल रिसर्च में मदद मिलेगी। हालांकि, इससे जीन में बदलाव को लेकर नए सिरे से नैतिक चिंताएं पैदा हो सकती हैं।कुछ दिन पहले ही जीन में बदलाव कर दुनिया के पहले मानव शिशु को जन्म देने का दावा चीन के वैज्ञानिकों ने किया था और इस अनधिकृत प्रयोग को लेकर वैज्ञानिक जगत में उथल-पुथल मच गई थी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की गुरुवार की रिपोर्ट के मुताबिक, अब चीन के वैज्ञानिकों ने नींद की समस्या, अवसाद और अल्जाइमर जैसी बीमारियों से जुड़े विकारों वाले एक बंदर के जीन में बदलाव कर उसके पांच क्लोन बनाए। एजेंसी के मुताबिक, पहली बार जैवचिकित्सकीय रिसर्च के लिए बंदर के जीन बदलकर कई क्लोन बनाए गए हैं। चीन के वैज्ञानिकों ने अंग्रेजी में प्रकाशित होने वाली चीन की शीर्ष पत्रिका नैशनल साइंस रिव्यू में प्रकाशित दो लेखों के साथ गुरुवार को बंदर की क्लोनिंग की घोषणा की। क्लोनिंग के माध्यम से बच्चों को शंघाई स्थित इंस्टिट्यूट ऑफ न्यूरोसाइंस ऑफ चाइनीज अकैडमी ऑफ साइंसेस में जन्म दिया गया।
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